अजनबी राॅयल की देशभक्ति शायरी:-
आदरणीय पाठकगण,
अभिनय,लेखन तथा साहित्य की दुनिया में मै बहुत छोटा हूँ।किसी ने सच ही कहा हैं हर चाहने वाला प्रेमी और हर लिखने वाला लेखक नहीं होता हैं।दोस्तों मैं एक ऐसा परिन्दा हूँ जिसने अभी उडना सिखा हैं।ये सच हैं कि साहित्य नामक सागर को पार करने के लिए मुझे बहुत मेहनत करना पड़ेगा।
दोस्तों इस पोस्ट को सावधानी पूर्वक तैयार किया गया फिर भी अगर इसमें कुछ गलतियाँ रह गयी हो तो मुझे अबोध बालक समझ कर माफ कर दीजिएगा।
मैं अपने बारे में दो शब्द कहना चाहुंगा-
देखना मृत्यु जब मेरी होगी,
लोग तो लोग मेरी कलम भी रोएँगी।
कफन ओढ के निकलेगा जब जनाजा मेरा,
मुझे याद करके पुरा दुनिया रोएँगी।।
-अमन सिंह(अजनबी राॅयल)
अजनबी राॅयल की देशभक्ति शायरी:-
कारवाँ शायरी |
कलम की धरोहर से क्रांति को ला नहीं पाया,
अभी अंग्रेजो की गद्दारी को भुला नहीं पाया।
चले थे घर से अकेले ही हैं क्रांतिकारी समझकर,
मगर रास्ते में कारवाँ ही कारवाँ पाया।।🚩🚩
भारतीय साहित्य की दुनिया का आवाज हूँ मैं,
भारतीय लोगों के दिलों का ताज हूँ मैं।
ऐ दुश्मनो शक हैं तो आजमां के देख लो,
रणभुमि में बरसता हुआ आग हूँ मैं।🙏
महफिल में ना सही,तन्हाई में याद करोगे,
कभी तो उस खुदा से यह फरियाद करोगे।
ना मिला हैं ना मिलेगा सुभाषचंद्र बोस जैसा नेता,
ऐ भारतीयो कभी तो इस बात पे नाज करोगे।।💫💫
सितारों को गिनकर दिखाना मुश्किल हैं,
किस्मत में जो लिखा हैं वो मिटाना मुश्किल हैं।
कह गए राजेन्द्र प्रसाद जी हमसे,
आजादी में कितने मारे गए ये बताना मुश्किल हैं🌎🌎
तेज आंधी तुफान झुक कर पर्वतो को सलाम करते हैं,
दिल में लिए प्यार भरी हसरते हम महात्मा गाँधी को सलाम करते हैं।।🙏🙏
अग्नि हमें जला नहीं सकती,
जल हमें भिगा नहीं सकता।
बसती हैं सच्चाई जिसके सीने में,
दुनिया की कोई भी ताकत उसे मिटा नहीं सकती।।
हमारी मुलाकात एक अनमोल फुल होगी,
हम भुल जाए आपको ये आपकी भुल होगी।
आप हार गए तो कोई बात नहीं,
वरना हिन्दूस्तान और पाकिस्तान की मुकाबला फिर होगी।।
खुदा को सलाम हमारा हैं,
सबसे यह कहना पैगाम हमारा हैं।
पढ़ते है ना जाने रोज कितने मेरी रचनाओं को,
मगर जो आज पढ़ें उन्हें सलाम हमारा हैं।।🙏🙏
दूर रेतो और बर्फो पर सैनिक है,वो कहते थे।
उनके नहाने को खुन का दरिया हैं,वे कहते थे।
पल भर में चले जाते हैं मौत के मुँह में।
हमारी रक्षा की उनकी हाथों में बेडीया हैं,वे कहते थे।
जनता को हक मिले वो कहा करते हैं,
चमडे का दरवाजा हैं और भेडिये रखवाली करते हैं।
मंत्री,नेता,अफसर को छोड़ो जनता ने दहाडा हैं,
बुरी नजर से मत देखो ऐ दुश्मनो काश्मीर हमारा हैं।
अपने गम की फरमाइश ना कर,
अपने नसीब की आजमाइश ना कर।
काश्मीर ना तेरा था ना होगा पाकिस्तानियो,
हर रोज उसे पाने की ख्वाहिश ना कर।।
अपनी जिन्दगी के अलग वसूल हैं,
भारत माँ के खातिर काँटे भी फुल हैं।
हँस कर झेल लू दुश्मनो के गोलियों को भी,
अगर भारत माँ कहे,ये मेरे उडाये हुए फुल हैं।
पलके झुके और नमन हो जाएँ,
मस्तक झुके और वन्दन हो जाएँ।
ऐसी नजरें कहा से लाऊ भारत माता,
आँखे खोलू और तेरे दर्शन हो जाएँ।
दुनिया के विख्यातो में मेरा नाम होगा,
लिख दूं तो सुबह,कह दूं तो शाम होगा।
स्वागत है उनका जो आएं हैं यहाँ,
भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध होगी,आज ये ऐलान होगा।।
अजनबी राॅयल की देशभक्ति शायरी:-
आजादी का पाठ अब पढाना होगा,
आतंक कहते हैं किसे दुनिया को बताना होगा।
आतंक के नाम से जो डर जाते हैं जाने हया,
डर का हर पर्दा अब बीच से उठाना होगा।
जिन्दगी में माँ का साथ काफी हैं,
सर पर माँ तेरा हाथ काफी हैं।
दुर हो या पास कोई फर्क नही पड़ता,
मैं तेरा बेटा हूँ,ये एहसास काफी हैं।।
कामयाबी कभी बड़ी नहीं होती,पाने वाला हमेशा बड़ा होता हैं।
चिंगारी कभी बड़ी नहीं होती,बुझाने वाला हमेशा बड़ा होता हैं।
लिखे हैं भीमराव आम्बेडकर संविधान के हर पन्नों पर,
क्रांति कभी बड़ी नहीं होती,क्रांतिकारी हमेशा बड़े होते हैं।।
सूरज से भी तेज है रोशनी,
चाँद की बात ही क्या हैं।
सारे जहाँ को जीत के आएं हैं हम हिन्दूस्तानी,
पाकिस्तान की अवकात ही क्या हैं।☺☺
हर फुल कली में भारत का मुखरा दिखाई दे,
यहां चाँद भी भारत का टुकड़ा दिखाई दे।
छू रहा है भारत सपनों की दुनिया को,
अमेरिका में भी यारो भारत का जलवा दिखाई दे।।
कोई साथ दे न दे मेरे साथ रहना भारतीयो,
अंधेरो में बन के साथ चाँदनी रात रहना भारतीयो।
शपथ अब हमने ली वतन पर मर मिट जाने की,
मेरे साँसो में बनकर धड़कन-ए-साँस रहना भारतीयो।।
भारत के नाम पर हस्ती को मिटाकर,
मिला है क्या तुम्हें जिन्दगी को लुटाकर।
ऐ 'चन्द्रशेखर आजाद' तेरी कहानी सबसे जुदा हैं,
तुझे गम ही गम मिले औरों पे खुशी लुटाकर।।
मोहब्बत है इंकलाब के नारो से,
आजादी पर दिल छाई है।
दुर हटो काश्मीर से ऐ पाकिस्तानियो,
आगे हिन्दूस्तानी भाई है,आगे हिन्दूस्तानी भाई हैं।।
ऐ दोस्तों तुम्हें तुम्हारी मातृभूमि पुकार रही हैं,
सदियों पुरानी दास्तां फिर सुना रही हैं।
दे रही हैं कसम तुम्हें तुम्हारी कलाईयो की राखी,
चलना हैं,दुश्मनो की घर्घर नाद तुम्हें बुला रही हैं।।
दुश्मनो की अपनों से बात होती रहीं,
तमाम इसी तरह से हर रात होती रहीं।
बाजुओ से बाजुएँ टकराये क्रोध में सिमटकर,
बन्दुको से गोलियो की बरसात होती रही।।
वीरों के कारवें को सरहद पर जाते,किसी ने तो देखा होगा।
दुश्मनो को बारूद एवं कारतूस चलाते,किसी ने तो देखा होगा।
मारे जाते हैं,दुश्मनो को मारने की हौसला रखने वाले।
इस मर्मभरी दृश्य को किसी ने तो देखा होगा।।
इस बार भी जीत होगी ये ऐलान करता हूँ,
भारत की जमीं पर यारो ये बयां करता हूँ।
मेरी मौत को मेरी जीत समझना यारो,
कटा के सर अपना शहीदों में नाम करता हूँ।।
-:सरहद:-
सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा,
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा।
दे कर के कुर्बानी अपने जिस्मों जान की,
तुम्हें मिटना भी होगा,तुम्हें मिटाना भी होगा।
सुन मत तुझे किसी की कंगना पुकारे,
यादें किसी का भुलाना भी होगा।
कसम दे रही हैं तेरी कलाईयो की राखी,
मिटाकर उन्हें तुमको आना भी होगा।।
-:नौजवान:-
ऐ मेरे देश के दुश्मन,
जंग-ऐ-ऐलान किया हूँ।
अपनी जिन्दगी की सारी खुशियाँ,
भारत माँ के नाम किया हूँ।
बुढे-बुजूर्गो के मुख से सुनी हमने कहानी थी,
खुब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।
बलिया के आजादी सागर में लहर रहीं खुब पानी थी,
पाएँगे आजादी हम,मंगल पाण्डेय ने ठानी थी।
कैसे समझे सर्वपल्ली जैसे शिक्षक के विचारों को,
पुरा ना होने दी उन्होंने अंग्रेजो के अरमानो को।
करे व्याख्या हम कैसे नेहरू के उन ख्यालो को,
शपथ लेते हैं भगाएँगे देश के दलालों को।
महिलाओं के मातृभक्ति का सुनी सबने कहानी थी,
करेगी रोगियों की सेवा मदर टरेसा ने ठानी थी।
कहें क्या चन्र्दशेखर और भगत सिंह जैसे आजादी के परवाने को,
आज भी मरते देखा हमने,भारत पे नौजवानों को-2
अजनबी राॅयल की देशभक्ति शायरी:-
-:जुल्मी जमाना:-
दर्द से फर्ज गहरा था निभाते गए,
जो सितम किया अंग्रेजो ने हम उठाते गए।
वक्त ने बदल दिया हमारा मिजाज यारो,
हम मारते गए और मराते गए।
हशीन शाम थी और मौसम सुहाना था,
सामने फिर वही लड़ाई का आशियाना था।
छलक रहा था मेरे आंखों से आँसू यारो,
करीब सीने के मेरे उनका हथियार-ऐ-पैमाना था।
बिछडकर अपनों से जो गुजरा हैं क्या कहूँ,
बड़ा उदास,बड़ा जुल्मी वो जमाना था।।
-:कौन हैं:-
सुर्य के दहकने से डरता कौन है,
यहाँ बेमौत मरता कौन हैं।
हमने वादीयो और बस्तीयो में रहने वालों से पुछा,
वहाँ बर्फ के पहाड़ों पर रहता कौन हैं।
भारत में भ्रष्टाचार हैं कहता कौन हैं,
इस पिछड़ेपन की जमाने में बढ़ता कौन हैं।
हमने वादीयो और बस्तीयो में रहने वालों से पुछा
कि अगर इस जहां में सारे डाक्टर और इन्जिनियर हैं,
तो वहाँ भारत के सीमाओं पर मरता कौन हैं।।
-:याद हैं:-
पर्वतो के साये में वो खुन की नदिया याद हैं,
बटवारों की बातों से वो छायी उदासिया याद हैं।
नींद अब आती नहीं सो कैसे सकूँ,
उनके पीठ पीछे से तेरा गोलियाँ चलाना याद हैं।
नफरत के जाम पिलाना,डुबोना विद्रोह की निगाहो में,
और फिर आतंकवाद की बिजलीया गिराना याद हैं।।
-:कोई बात बने:-
मेरे गम में साथ निभाओ तो कोई बात बने,
मेरे साथ आतंक को भगाओ तो कोई बात बने।
दुनिया दुश्मन हैं दोस्ती की तोहमते लगाएँगी,
आतंक से नजर से नजर मिलाओ तो कोई बात बने।
दोस्ती आसान हैं मगर निभाना मुश्किल,
कदम हौसलो से उठाओ तो कोई बात बनें।
माँ के नाम पर यार मेरे,कर दे जान फिदा दोनों,
मिटकर भी फर्ज निभाये तो कोई बात बने।।
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